अपराध

विकास राठौर उर्फ बाबा शिवानंद ने अपने कुकर्म छिपाने को कराई पत्रकार की हत्या।

यूपी के सीतापुर जिले में होली से पहले आठ मार्च को महोली थाना क्षेत्र में हुई पत्रकार राघवेंद्र बाजपेई की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्या की वजह पेशे से जुड़ी रंजिश नहीं वरन आरोपी के समलैंगिक रिश्तों के जगजाहिर होने का डर था जिसे पत्रकार ने अकस्मात देख लिया था। साजिश करने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है वहीं गोली चलाने वाले शूटरों की तलाश की जा रही है पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सीतापुर जिले के रामकोट निवासी बाबा शिवानन्द उर्फ विकास राठौर और इमलिया सुल्तानपुर क्षेत्र के निवासी निर्मल सिंह व असलम गाजी शामिल है।
पुलिसिया थ्योरी के अनुसार महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र का महोली स्थित कार्यदेव मंदिर पर आना- जाना लगा रहता था। मंदिर के मुख्य पुजारी रमाकान्त मिश्रा के सहायक के तौर पर विकास राठौर नाम बदलकर विकास मिश्रा उर्फ शिवानन्द के नाम से मंदिर पर कई साल से रह रहा था।इसी बाबा शिवानंद द्वारा मंदिर में व्यवस्था में मदद करने वाले एक नाबालिग बच्चे के साथ में पिछले कुछ महीनों से दुष्कर्म किया जा रहा था। इसके अलावा भी उसके कई लोगों से समलैंगिक संबंध थे।
फरवरी माह में राघवेंद्र ने शिवानंद को एक नाबालिग के साथ संबंध बनाते देख लिया था। अपने कुकर्म उजागर होने के डर से शिवानन्द ने निर्मल और असलम गाजी को चार लाख दिए और राघवेंद्र को रास्ते से हटाने को कहा। निर्मल और असलम ने ये काम दो शूटरों को सौंप दिया।पुलिस को बाबा शिवानंद पर शक उस समय हुआ जब उसने 11 मार्च को पहली बार मंदिर जाकर राघवेन्द्र से जान पहचान के संबंध में पूछा गया तो उसने कोई विशेष जान पहचान होने से इंकार किया और हाईकोर्ट के अधिवक्ता को अग्रिम जमानत हेतु संपर्क किया गया। यही नहीं उसने समलैंगिक रिश्ते रखने वाले कोमल के साथ हत्या की घटना के बाद सीतापुर के ही एक होटल में बीयर व भांग की पार्टी मनाई। फिलहाल पुलिस ने तीनों को जेल भेज दिया है और फरार शूटरों की जानकारी लेकर उनकी खोजबीन शुरू कर दी है

इसी के बाद आठ मार्च की दोपहर बाबा शिवानंद से मुलाकात के बाद अन्य काम निपटा कर बाइक से घर वापस लौट रहे राघवेंद्र की हाइवे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या सुर्खियों में घिर गई। जिलों में पत्रकार संगठन उबल पड़े और सियासी दलों द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाए गए। सीतापुर पुलिस भारी दबाव में अपनी तफ्तीश कर रही थी। 12 टीमों ने इस दौरान पत्रकारिता पेशे से जुड़ी रंजिश जैसे धान खरीद, प्रापर्टी डीलर व लेखपाल से जुड़ी खबरों और छोटे बड़े कई विवादों पर फोकस किया । इस दौरान सौ से अधिक संदिग्ध लोगों से पूछताछ की गई। वहीं एक हजार से अधिक नंबरों को रडार पर लेकर करीब 250 सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले थे

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