संभल

8 अप्रैल से 22 अप्रैल 2025 तक चलने वाले पोषण पखवाड़ा के 7 वें संस्करण का डीएम डॉ राजेन्द्र पैंसिया द्वारा शुभारंभ किया गया

सम्भल जिला मुख्यालय पर कलक्ट्रेट सभागार में आज 8 अप्रैल से प्रारम्भ होने वाले तथा 22 अप्रैल 2025 तक चलने वाले पोषण पखवाड़ा के 7 वें संस्करण का जिलाधिकारी डॉ राजेन्द्र पैंसिया तथा मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट द्वारा जनपद में शुभारंभ किया । इसके उपरांत डीपीओ आईसीडीएस द्वारा पोषण पखवाड़ा के अन्तर्गत कराये जाने वाले कार्यक्रम एवं गतिविधियां प्रसवपूर्व देखभाल और जांच को बढावा देना, स्वस्थ खान पान की आदतों को बढावा देना,बच्चों के जीवन के पहले एक हजार दिन पर केन्द्रित, पोषण ट्रेकर आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण सेवाओं की निगरानी आदि विषय में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया।कार्यक्रम के अन्तर्गत सीएचसी चंदौसी प्रभारी डॉ हरविंदर सिंह द्वारा पोषण पुनर्वास केन्द्र (एन. आर. सी) चंदौसी में अति कुपोषित बच्चों ( सैम बच्चों) के पंजीकरण तथा वहाँ मिलने वाली सुविधाओं तथा बच्चों के वहाँ ठहरने की अविधि तथा बच्चों को क्या पोषण देना चाहिए तथा प्रोटीन आदि के विषय में बताया। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि वह ग्राम पंचायतों से अति कुपोषित बच्चों को चिह्नित करते हुए पोषण पुनर्वास केन्द्र पर भेजने का कार्य करें ताकि अति कुपोषित बच्चों को ऐसी स्थिति से बाहर निकाला जा सके। जिलाधिकारी ने डीपीओ आईसीडीएस को निर्देशित करते हुए कहा कि पोषण पुनर्वास केन्द्र के सभी बैड शत प्रतिशत आगामी दिवस तक भरें जाएं अगर बच्चों की संख्या पोषण पुनर्वास केन्द्र में शत प्रतिशत न रही तो संबंधित के खिलाफ कार्यवाही संज्ञान में लायी जाएगी।डॉ प्रवीण सिंह द्वारा वीएचएसएनडी सत्र आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के समय से पहुंचने तथा बच्चों की वजन मशीन, स्टेडियोमीटर , इन्फैन्टोमीटर मशीनों के सत्र पर उपलब्ध रहें इसके विषय में बताया।जिलाधिकारी ने डीपीओ आईसीडीएस को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में सहजन एवं करी पत्ता का पौधा लगाया जाए प्रत्येक विद्यालय एवं आंगनबाड़ी केंद्र में न्यूनतम 5 सहजन के पौधे लगाए जाएं तथा प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकत्री कम से कम दो सहजन के पौधे लगाएं एवं उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी लें।मुख्य विकास अधिकारी गोरखनाथ भट्ट ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां जो जिम्मेदारी उनको दी गयीं हैं उनको मन से निभाएं।छोटे बच्चों को क्या खिलाया जाए उसका चार्ट बनाएं तथा लोगों को जागरूक करें। अगर सही पोषण से बच्चे का वजन बढ रहा है तो बच्चों के माता पिता एवं परिवार के सदस्यों को मोटिवेट करें।वीएचएसएनडी सत्र पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां अपनी ड्रेस पहनकर जाएं। सैम मैम बच्चों को लेकर सक्रिय रूप से जुड़ें आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां। जिलाधिकारी ने कहा कि गर्भावस्था की मासिक जांच हो, आयरन एवं कैल्शियम की गोली नियमित रूप से दी जाएं।हरी पत्तेदार सब्जियों के विषय में जागरूक करें। मोटे अनाज को प्रोत्साहित करें। पीले एवं नारंगी फलों के विषय में भी गर्भवती महिलाओं को जागरूक करें। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को पढाना शुरू करें। बच्चों को प्राकृतिक वस्तुओं के विषय में बताएं तथा जनपद सम्भल के देव तीर्थों के विषय में जानकारी दें, बच्चों को संस्कार सिखाएं।आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां स्वाध्याय करें तथा बच्चों को कंठस्थीकरण सिखाएं। जिलाधिकारी ने शिशु आनंदम एवं पहल पाठ्यक्रम के विषय में भी बताया तथा संबंधित को निर्देशित करते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को क, ख, ग, घ के आधार पर शिक्षा दी जाए अर्थात क से कहानी, ख से खेल एवं ग से गीत तथा गतिविधियां, घ से घर जैसा वातावरण । जिलाधिकारी द्वारा पोषण पखवाड़ा से संबंधित शपथ भी दिलाई । जिलाधिकारी द्वारा गर्भवती महिलाओं का गोदभराई तथा बच्चों का अन्न प्राशन कार्यक्रम भी किया गया तथा पोषण पखवाड़ा की रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ तरुण पाठक, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञान सिंह, डीपीओ आईसीडीएस महेश कुमार, जिला पंचायती राज अधिकारी उपेंद्र कुमार पाण्डेय एवं संबंधित अधिकारी कर्मचारी तथा आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां उपस्थित रहे।
( सम्भल से लल्ला सलमानी की रिपोर्ट)

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