उज्जैन में बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान के दीक्षांत समारोह में सम्मानित हुए साहित्यकार राजवीर सिंह ‘तरंग’

बदायूॅं। बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान का द्वितीय दीक्षांत समारोह मौन तीर्थपीठ के पीठाधीश्वर एवं श्री निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर श्रीश्री 1008 मानस भूषण डॉक्टर सुमनानंद गिरी के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। इस अवसर पर 25 पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान ने इस अवसर पर छंद साहित्य की सेवा कर रहे सम्पूर्ण भारतवर्ष से आमंत्रित पटल प्रेरक, पटल प्रमुख व पटल साधकों को प्रमाण पत्र व स्मृति चिन्ह व शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इसी क्रम में बदायूॅं जनपद से आमंत्रित पटल प्रमुख राजवीर सिंह ‘तरंग’ को महालय द्वारा सम्मानित किया गया। बिलासा छंद महालय साहित्य का एक बेहद अनुशासित मंच है जिसकी स्थापना सन 2019 को की गई। थी यह एक पंजीकृत संस्था है। बिलासा छंद महालय में प्रतिवर्ष 70 छंद पटल गुरु होते हैं जो की पूर्व सत्रों से पूर्णता प्रशिक्षित होते हैं जो अपने-अपने पटल पर छंद कक्षाओं का नियमित संचालन करते हैं। इस संस्था का उद्देश्य भारतीय पुरातन छंदों का संग्रहण एवं नवीन प्रसारित छंदों का प्रकाशन एवं उनकी वृद्धि करना है। इस संस्था द्वारा कई विश्व स्तरीय छंद ग्रंथों का निर्माण किया जा चुका है।
बदायूॅं जनपद के प्रसिद्ध साहित्यकार राजवीर सिंह तरंग को इस बिलासा साहित्य शिक्षण संस्थान के दीक्षांत समारोह में पटल गुरु व पटल प्रमुख की सेवाओं के लिए संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उनके शिष्यों द्वारा भी इन्हें शाल ओढ़ाकर व भेंट देकर सम्मानित किया गया।