शीतलहर के चलते तापमान गिरने से जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त पछुआ हवा ने बढ़ाई गलन
बदायूँ। कोहरे और शीतलहर से गलन बढ़ गई है। इससे सुबह और शाम पड़ रही कड़ाके की ठंड से लोग ठिठुर रहे हैं। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। कोहरे और शीतलहर से जनजीवन प्रभावित हो गया है।मंगलवार की दोपहर तक पूरा क्षेत्र कोहरे की चादर से ढका रहा। वहीं शीतलहर के कारण लोग घरों में दुबके रहे। नौ बजे के बाद हल्का कोहरा छटा लेकिन धुंध छायी रही।पूरे दिन धूप नहीं निकली लेकिन शीतलहर के कारण लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा । दोपहर तीन बजे धुंध और शीतलहर ने गलन फिर बढ़ा दी।मौसम मंगलवार को अधिकतम तापमान 21.6 और न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शाम चार बजे के बाद धुंध के कारण गलन फिर बढ़ने लगी। अंधेरा होते ही कोहरा छाने लगा। वहीं लोगों की आवाजाही भी कम हो गई। रात आठ बजे के बाद सड़कों पर सन्नाटा पसर गया, लोग गलन के कारण अपने घरों में दुबक गए।
ग्रामीण अंचलों में रिकॉर्ड तोड़ ठंड और सुबह के कोहरे से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग शाम होते ही घरों में कैद हो जा रहे है और अगले दिन दस बजे तक बाहर निकलने से बच रहे है। सबसे ज्यादा दिक्कत ठंड में बुजुर्गों को हो रही है। ग्रामीण अंचलों में आग सबसे बड़ा सहारा बना हुआ है। ग्रामीण अंचलों में हर घर में आग तापने की परंपरा है। लोग खुद जलावन लाते है और उसी से खाना भी बनाते है। गीता देवी,सन्तोष ,सर्वेश,अनारकली ,राखी,तेजवती आदि महिलाओं ने बताया कि गैस होते हुए भी जाड़े में आग पर खाना बनाना आराम देता है। गांव के सार्वजनिक स्थलों पर कोई आग की व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने सार्वजनिक और भीड़ वाले चौराहों पर आग जलवाने की व्यवस्था की मांग की है।