नाबालिग बेटी की बरामदगी के बाद वेटी की डॉक्टरी एंव डीएनए जांच की मांग!
संभल जिला के धनारी थाना क्षेत्र के ग्राम गढ़ी बिचौला निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस महानिदेशक को शिकायती पत्र भेजकर अपनी नाबालिग पुत्री के मामले में थाना धनारी पुलिस पर गंभीर लापरवाही और पक्षपात के आरोप लगाए हैं। पीड़ित ने बेटी के मेडिकल और डीएनए जांच की मांग करते हुए न्याय दिलाने की अपील की है।पीड़ित का आरोप है कि बीते माह उसकी 14 वर्षीय नाबालिग पुत्री को थाना रजपुरा क्षेत्र के गांव भीकमपुर निवासी युवक आकाश कुमार पुत्र नामालूम बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। इस संबंध में जब पीड़ित ने धनारी थाने में शिकायत दी तो पुलिस ने उसकी प्राथमिकी को कथित रूप से बदलकर अपने अनुसार केस दर्ज किया और बरामदगी में टालमटोल करती रही। लंबी जद्दोजहद के बाद जब पीड़ित ने उच्च अधिकारियों से शिकायत की, तब जाकर पुलिस ने 8 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के इच्छाधारी मंदिर से उसकी बेटी को आरोपी युवक के साथ बरामद किया।पीड़ित ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उसे अपनी ही बेटी से मिलने नहीं दिया और कोर्ट में दबाव बनाकर उसके बयान भी जबरन कराए गए। यही नहीं, जिला अस्पताल के एक डॉक्टर से मिलकर बिना उचित जांच के उसकी बेटी की उम्र 18 वर्ष दर्शा दी गई, जबकि आधार कार्ड में उसकी उम्र मात्र 14 साल है।सबसे गंभीर आरोप यह है कि पुलिस ने नाबालिग लड़की को वापस परिजनों को सौंपने के बजाय आरोपी पक्ष को सौंप दिया। इससे आहत होकर अब पीड़ित ने पुलिस महानिदेशक से निष्पक्ष जांच और बेटी के मेडिकल एंव डीएनए टेस्ट की मांग की है, ताकि सच्चाई सामने आ सके।पीड़ित ने कहा कि वह अब तक न्याय की गुहार लगाता रहा, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। उसे उम्मीद है कि पुलिस महानिदेशक इस मामले में निष्पक्षता बरतते हुए कार्रवाई कराएंगे और उसकी बेटी को न्याय दिलाएंगे।